Baadshah Husain Naat Lyrics (Lahu Se Apne Charagh-e-Wafa Jala Ke Chale)
रस्म-ए-उश्शाक़ यही है के वफ़ा करते हैं
यानी हर हाल में हक़ का तक़ाज़ा करते हैं
हौसला हज़रत-ए-शब्बीर का ! अल्लाह अल्लाह !
सर जुदा होता है और शुक्र-ए-ख़ुदा करते हैं
बादशाह हुसैन, बादशाह हुसैन
बादशाह हुसैन, मेरा बादशाह हुसैन
लहू से अपने चराग़-ए-वफ़ा जला के चले
हुसैन सर को झुका कर नहीं, उठा के चले
बादशाह हुसैन, बादशाह हुसैन
बादशाह हुसैन, मेरा बादशाह हुसैन
सिपाह-ए-शाम के रंग उड़ गए सर-ए-मैदां
जो जल्द वार वहां तेग़-ए-ला-फ़ता के चले
हुसैन सर को झुका कर नहीं, उठा के चले
बादशाह हुसैन, बादशाह हुसैन
बादशाह हुसैन, मेरा बादशाह हुसैन
ज़माने भर की वफ़ाओं को रश्क आने लगा
जहाँ भी तज़्किरे अब्बास बा-वफ़ा के चले
हुसैन सर को झुका कर नहीं, उठा के चले
बादशाह हुसैन, बादशाह हुसैन
बादशाह हुसैन, मेरा बादशाह हुसैन