मीरां वलीयों के इमाम

 

 

मीरां वलीयों के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है फैलाई बड़ी देर से
डालो नज़रे-करम सरकार
अपने मंगतों पर एक बार
हमने मेहफिल है सजाई बड़ी देर से

मेरे चाँद मैं सदके, आजा इधर भी
चमक उठे दिल की कली ग़ौसे-आज़म

मीरां वलीयों के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है फैलाई बड़ी देर से

तेरे रब ने मालिक किया तेरे जद को
तेरे घर से दुनियां पली ग़ौसे-आज़म

मीरां वलीयों के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है फैलाई बड़ी देर से

तेरा रुतबा आला न क्यूं हो के मौला
तू है इब्ने मौला अ़ली ग़ौसे-आज़म

मीरां वलीयों के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है फैलाई बड़ी देर से

कदम गर्दने-अवलिया पर है तेरा
तू है रब का ऐसा वली ग़ौसे-आज़म

मीरां वलीयों के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है फैलाई बड़ी देर से

तुम जो बनाओ बात बनेगी
दोनों जहाँ में लाज रहेगी
लजपाल करम अब कर दो
मंगतों की झोली भर दो
भर दो कासा सबका पंजतनी ख़ैर से

मीरां वलीयों के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है फैलाई बड़ी देर से

कहा हमनें या ‘ग़ौस अगि़सनी’ तो दम में
हर आई मुसीबत टली ग़ौसे-आज़म

मीरां वलीयों के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है फैलाई बड़ी देर से

मुश्किल जब भी सर पर आई
तेरी रेहमत आड़े आई
जब मैंने तुम्हें पुकारा
काम आया तेरा सहारा
चलता आसी का गुज़ारा तेरी ख़ैर से

मीरां वलीयों के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है फैलाई बड़ी देर से

फ़िदा तुम पे हो जाए नूरी-ए-मुज़्तर
ये है इसकी ख़्वाहिश दिली ग़ौसे-आज़म

मीरां वलीयों के इमाम
देदो पंजतन के नाम
हमने झोली है फैलाई बड़ी देर से

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *