Shaah-e-Kaunain Ki Jis Shai Pe Nazar Ho Jaae Naat Lyrics
Shaah-e-Kaunain Ki Jis Shai Pe Nazar Ho Jaae Naat Lyrics शाह-ए-कौनैन की जिस शय पे नज़र हो जाए संग-रेज़ा भी अगर हो तो गौहर हो जाए मैं ये समझूँगा, मुझे दौलत-ए-कौनैन मिली ज़िंदगी गर दर-ए-अहमद पे बसर हो जाए मेरी फ़रियाद में इतना तो असर हो जाए दिल जो तड़पे तो मुहम्मद को ख़बर…