Maula Ya Salli Wa Sallim Naat Lyrics

  • Maula Ya Salli Wa Sallim Naat Lyrics

    Maula Ya Salli Wa Sallim Naat Lyrics   सहर का वक़्त था मा’सूम कलियाँ मुस्कुराती थीं हवाएं ख़ैर-मक़दम के तराने गुनगुनाती थी अभी जिब्रील उतरे भी न थे काअ़बे के मिम्बर से के इतने में सदा आई ये अब्दुल्लाह के घर से मुबारक हो ! शहे-हर-दोसरा तशरीफ़ ले आए मुबारक हो ! मुहम्मद मुस्तफा तशरीफ़…