Maula Ya Salli Wa Sallim Naat Lyrics
Maula Ya Salli Wa Sallim Naat Lyrics सहर का वक़्त था मा’सूम कलियाँ मुस्कुराती थीं हवाएं ख़ैर-मक़दम के तराने गुनगुनाती थी अभी जिब्रील उतरे भी न थे काअ़बे के मिम्बर…
Naat Lyrics
Maula Ya Salli Wa Sallim Naat Lyrics सहर का वक़्त था मा’सूम कलियाँ मुस्कुराती थीं हवाएं ख़ैर-मक़दम के तराने गुनगुनाती थी अभी जिब्रील उतरे भी न थे काअ़बे के मिम्बर…