Khaak-e-Madina Hoti Main Khaaksaar Hota Naat Lyrics
Khaak-e-Madina Hoti Main Khaaksaar Hota Naat Lyrics ख़ाक-ए-मदीना होती, मैं ख़ाकसार होता होती रह-ए-मदीना मेरा ग़ुबार होता आक़ा अगर करम से तयबा मुझे बुलाते रौज़े पर सदक़े होता, उन पर निसार होता वो बेकसों के आक़ा, बेकस को गर बुलाते क्यूँ सब की ठोकरों पर पड़ कर वो ख़्वार होता तयबा में गर…