Jab Se Mujh Ko Nisbat-e-Makhdoom-e-Simnaani Mili Naat Lyrics

  • Jab Se Mujh Ko Nisbat-e-Makhdoom-e-Simnaani Mili Naat Lyrics

    Jab Se Mujh Ko Nisbat-e-Makhdoom-e-Simnaani Mili Naat Lyrics   जब से मुझ को निस्बत-ए-मख़्दूम-ए-सिमनानी मिली मुश्किलें जितनी भी आईं, उन में आसानी मिली तख़्त-ए-सिमनानी की रानाई को ठोकर मार कर दोनों ‘आलम की मेरे अशरफ़ को सुल्तानी मिली अशरफ़-ए-सैफ़-ए-ज़बाँ की देखिए रूहानियत बे-ज़बाँ मूरत को भी तहरीक-ए-जिस्मानी मिली या ख़ुदा ! ये ख़ुल्द है या…