Gham Ho Gae Be-Shumaar Aaqa Naat Lyrics
Gham Ho Gae Be-Shumaar Aaqa Naat Lyrics ग़म हो गए बे-शुमार, आक़ा ! बंदा तेरे निसार, आक़ा ! बिगड़ा जाता है खेल मेरा आक़ा ! आक़ा ! संवार, आक़ा ! मंजधार पे आ के नाव टूटी दे हाथ कि हूं मैं पार, आक़ा ! टूटी जाती है पीठ मेरी लिल्लाह ! ये बोझ उतार,…