chaand sitaaron se bad kar hai zarra gaus e aazam ka lyrics
chaand sitaaron se bad kar hai zarra gaus e aazam ka lyrics चाँद-सितारों से बढ़ कर है ज़र्रा ग़ौस-ए-आ’ज़म का सात समंदर पर है भारी क़तरा ग़ौस-ए-आ’ज़म का अब्दुल क़ादिर को क़ादिर ने ऐसी क़ुदरत बख़्शी है क़ब्र से मुर्दा उठ के लगाए ना’रा ग़ौस-ए-आ’ज़म का क़स्में दे कर ख़ुद ही खिलाए अब्दुल…