Bheeni Suhani Subh Mein Thandak Jigar Ki Hai Naat Lyrics
Bheeni Suhani Subh Mein Thandak Jigar Ki Hai Naat Lyrics भीनी सुहानी सुब्ह़ में ठन्डक जिगर की है कलियां खिलीं दिलों की हवा येह किधर की है खुबती हुई नज़र में अदा किस सह़र की है चुभती हुई जिगर में सदा किस गजर की है डालें हरी हरी हैं तो बालें भरी भरी किश्ते…