Ajab Rang Par Hai Bahar-e-Madina Naat Lyrics
Ajab Rang Par Hai Bahar-e-Madina Naat Lyrics ‘अजब रंग पर है बहार-ए-मदीना कि सब जन्नतें हैं निसार-ए-मदीना मुबारक रहे, ‘अंदलीबो ! तुम्हें गुल हमें गुल से बेहतर हैं ख़ार-ए-मदीना बना शह-नशीं ख़ुसरव-ए-दो-जहाँ का बयाँ क्या हो ‘इज़्ज़-ओ-वक़ार-ए-मदीना मेरी ख़ाक, या रब ! न बर्बाद जाए पस-ए-मर्ग कर दे ग़ुबार-ए-मदीना कभी तो म’आसी के ख़िरमन…