Shah-e-Do-Aalam Salam As-salam Naat Lyrics
शाह-ए-दो-आलम सलाम अस्सलाम
ग़रीबों के हमदम सलाम अस्सलाम
रब ने बड़े प्यार से मेअराज में कहा
रहने दो नालैन को आ जाओ मुस्तफ़ा
क़दम-ए-मुहम्मद का लिया अर्श ने बोसा
झूम उठे सारे मलाइक व मरहबा
मांगे जो नबी, रब ने वो दिया
रब ने जो दिया, नबी ने वो लिया
झुका अर्श-ए-आज़म सलाम अस्सलाम
ग़रीबों के हमदम सलाम अस्सलाम
शाह-ए-दो-आलम सलाम अस्सलाम
ग़रीबों के हमदम सलाम अस्सलाम
आप ने जो कर दिया ऊँगली का इशारा
चाँद दो टुकड़े हुवा,क़ुर्बान हो गया
जब नमाज़-ए-अस्र अली की हुई कज़ा
आप ने सूरज को दोबारा पलट दिया
आप जो किये मो’जिज़े हुवे
आप जब चले दो जहाँ झुके
मेरा सर भी है ख़म सलाम अस्सलाम
ग़रीबों के हमदम सलाम अस्सलाम
शाह-ए-दो-आलम सलाम अस्सलाम
ग़रीबों के हमदम सलाम अस्सलाम
या नबी अब हिन्द में मुश्किल हुवा जीना
नज़र-ए-करम से हमें बुलवालो मदीना
पास हमारे ना कोई माल-ओ-ज़र है
हमसे बड़ी दूर मदीने का शहर है
देर न करो, जल्दी बुलालो
दर पे बुला कर ग़म से छुड़ा लो
निकल जाए ना दम सलाम अस्सलाम
ग़रीबों के हमदम सलाम अस्सलाम
शाह-ए-दो-आलम सलाम अस्सलाम
ग़रीबों के हमदम सलाम अस्सलाम
हश्र में उम्मत को जहन्नम से बचाना
आसियों को काली कमली में छुपाना
ज़िन्दगी हमारी ग़ुनाहों में कटी है
या नबी ! बख़्शिश पे नज़र सब की टिकी है
शाह-ए-अम्बिया ! देना आसरा
नूर-ए-किब्रिया ! सुन लो ये सदा
करम जान-ए-आलम सलाम अस्सलाम
ग़रीबों के हमदम सलाम अस्सलाम
शाह-ए-दो-आलम सलाम अस्सलाम
ग़रीबों के हमदम सलाम अस्सलाम