Salatul Hajat | Dua Qubool Hone Ka Wazifa Aur Namaz | दुआ क़ुबूल होने का वज़ीफ़ा

Salatul Hajat | Dua Qubool Hone Ka Wazifa Aur Namaz |

दुआ क़ुबूल होने का वज़ीफ़ा

जब आप किसी मुश्किल में फँस जाते हैं, तो उस से निकलने के लिए कोई न कोई रास्ता तलाश करने में लग जाते हैं, लेकिन जब कोई हल नहीं मिलता है तो आखिर में दुआओं का सहारा लेना पड़ता है, जबकि एक मुसलमान को छोटी छोटी चीज़ों के लिए भी अल्लाह से कहना चाहिए,

इसलिए आज मैं आपको एक ऐसी दुआ क़ुबूल होने का वजीफा और नमाज़ ( Dua Qubool Hone Ka Wazifa Aur Namaz )के बारे में बताना चाहता हूँ जिसको कैसी ही मुश्किल में अगर आप पढ़ें तो इंशाअल्लाह उस से नजात पाएंगे क्यूंकि शाह वलियुल लाह मुहद्दिस दहल्वी र.अ. ने लिखा है कि इसे पढने के बाद जिसको शक हो कि मेरी दुआ क़ुबूल नहीं होगी तो इसका मतलब है कि उसके अन्दर ईमान ही नहीं है

क्यूंकि अल्लाह ने कुरआन पाक में जहाँ जहां ये आयत ज़िक्र की हैं उसके आगे ये भी फ़रमाया है कि हमने उनकी क़ुबूल फरमा ली

नोट : इस नमाज़ में चार रकात पढ़नी होती हैं और हर रकात में सूरह फ़ातिहा पढने के बाद एक ख़ास आयत पढ़नी होती है जो नीचे बयान की गयी है

नमाज़ का तरीक़ा

उस नमाज़ का तरीक़ा ये है कि 4 रकात नमाज़ पढ़ें और सलातुल हाजत की नियत करें ( पाक लिबास, पाक जगह, ख़ुशबू भी लगा ले )

पहली रकात :अल्लाह की तरफ़ रुजू होकर नियत करें, फिर सूरह फ़ातिहा पढने के बाद और कोई सूरह पढने से पहले ये आयते करीमा 100 बार पढ़ें

لَا إِلَهَ إِلَّا أَنْتَ سُبْحَانَكَ إِنِّي كُنْتُ مِنَ الظَّالِمِينَ

हिन्दी : ला इलाहा इल्ला अंता सुब्हानक इन्नी कुन्तु मिनज़ ज़ालिमीन

दूसरी रकात :फिर दूसरी रकात में सूरह फ़ातिहा पढने के बाद 100 बार पढ़ें

رَبِّ اَنِّیْ مَسَّنِیَ الضُّرُّ وَ اَنْتَ اَرْحَمُ الرّٰحِمِیْنَۚۖ

हिन्दी : रब्बी इन्नी मस सनियद दुर्रु व अंता अरहमुर राहिमीन

तीसरी रकात : फिर तीसरी रकात में सूरह फ़ातिहा पढने के बाद 100 बार पढ़ें

“وَأُفَوِّضُ أَمْرِي إِلَى اللَّهِ إِنَّ اللَّهَ بَصِيرٌ بِالْعِبَادِ

हिन्दी : व उफ़व विदु अमरी इलल लाह, इन्नल लाहा बसीरुम बिल इबाद

चौथी रकात : फिर चौथी रकात में सूरह फ़ातिहा पढने के बाद 100 बार पढ़ें

حَسْبُنَا اللهُ وَنِعْمَ الوَكِيلُ

हिन्दी : हस बुनल लाहु व निअ’मल वकील

ये चारों रकतें पढ़ लेने के बाद सजदे में सर डाल कर 100 बार ये दुआ पढ़ें
رَبِّ اَنِّیْ مَغْلُوْبُ فَانْتَصِرْ

रब्बी इन्नी मग्लूबुन फन्तसिर

ये नमाज़ शुरू करने से पहले और बाद में 100 बार दुरूद शरीफ़ की एक तस्बीह पढ़ लें फिर जो दुआ माँगना हो पूरी शिद्दत से मांगे

इंशाअल्लाह कोई भी वबा बला या मुसीबत हो टल जाएगी और कोई भी नेक दुआ मक़बूल होगी

अल्लाह हमारी हर नेक दुआएं क़ुबूल फरमाए और मुसीबतें टाल दे

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