Rizq Me Barkat Ke Liye Chaand Raat Ka Wazifa | रिज्क़ में बरकत के लिए चाँद रात का वज़ीफ़ा

 

Rizq Me Barkat Ke Liye Chaand Raat Ka Wazifa |

रिज्क़ में बरकत के लिए चाँद रात का वज़ीफ़ा

हम रमज़ान के उस बाबरकत महीने में दाखिल होने वाले हैं जिसकी रहमतों और बरकतों के चर्चे कुरआन और हदीस दोनों में आये हैं और अल्लाह के रसूल (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) इस महीने को इतनी अहमियत दिया करते थे कि इस से पहले वाले महीने शाबान में ही इसकी तैयारी शुरू कर देते थे

और आप को मालूम होगा कि जब रमज़ान का चाँद निकलता है तो वो वक़्त बड़ी बरकत का होता है, लोग इस में बेशुमार चाँद रात का वजीफ़ा करते हैं और दुआएं करते हैं, कोई रोज़ी में बरकत के लिए और कोई दुआ की क़बूलियत के लिए वगैरह वगैरह, तो अगर वो वजीफे सही हैं और उन में कुछ ग़लत अलफ़ाज़ नहीं हैं तो हम उनको ग़लत नहीं कह सकते

लेकिन आज हम चांद रात का एक वज़ीफ़ा आपको बताने जा रहे हैं जो किताब गंजीना असरार में लिखा है और एक बहुत मशहूर बुज़ुर्ग ने उसको लिखा है तो अगर हम इस वजीफे को करें तो यक़ीनन चाँद की रात में उसका फ़ायदा उठा सकते हैं

क्या वजीफे से फ़ायदा हो सकता है ?

एक बात याद रखना चाहिए कि वज़ीफे का नंबर दूसरा होता है पहला नंबर फ़र्ज़ की अदायगी होती है, अगर हम फ़र्ज़ अदा नहीं कर रहे हैं दूसरे का हक़ दबा कर बैठे हैं और हराम काम अपनी ज़िन्दगी में शामिल किये बैठे हैं तो हो सकता है इन वजीफों के फ़ायदों से महरूम हो जाएँ लेकिन अगर हम तमाम गुनाहों से बचते हुए और नबी की सुन्नत पर अमल करते हुए वजीफे को करें तो इंशाअल्लाह ज़रूर फ़ायदा महसूस होगा

चाँद रात का वज़ीफ़ा ये है

अगर आप रिज्क़ को लेकर परेशान हैं या किसी दूसरी ज़रूरियात को लेकर फिक्रमंद हैं तो जब रमज़ान शरीफ़ का चाँद देखें या चाँद होने की खबर मिले तो इस वजीफे को कर लें इंशाअल्लाह पूरे साल रिज्क़ में कमी नहीं आएगी

वज़ीफ़ा इस तरह करना है कि जब चाँद दिखे या चाँद की खबर मिले तो 3 बार सूरह फ़तह (इन्ना फतहना लका फतहम मुबीना) पढ़ लें कोशिश करें मगरिब से ईशा तक पढ़ लें लेकिन अगर न हो पाए तो ईशा बाद ही पढ़ ले

सूरह फ़तह किस पारे में है

सूरह फ़तह 26 वें पारे में है और साढ़े चार सफ्हात की है

अल्लाह अमल की तौफ़ीक़ अता फरमाए

आमीन

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