Masjid Mein Dakhil Hone Or Masjid Se Bahar Nikalne Ki Dua Hindi Mein

 

मस्जिद मे दाखिल होने की और मस्जिद से बाहर निकलने की दुआ / MASJID MAI DAKHIL HONE KI OR MASJID SE BAHAR NIKALNE KI DUA

masjid dua ibadat yahi is ghar ki sachchayi hai ! मस्जिद (mosque) वो इबादतगाह है जहां रब की इबादत की जाती है मस्जिद अल्लाह का घर होता है इस घर की हमें अपने घर से ज्यादा मुहब्बत होना चाहिए !
मस्जिदों में उस पाक परवर दिगार की इबादत की जाती है जिसने पूरी कायनात को बनाया है इसलिए इस घर को हमेशा आबाद रखना चाहिए !
मस्जिदों में की गयी इबादत की घर में की जाने वाली इबादतो से 10 गुना ज्यादा सवाब मिलता है ! मस्जिद हमें किसी लालच से नहीं जाना चाहिए ! बल्कि हमें उस एक खुदा उस पाक परवरदिगार की इबादत करने जाना चाहिए ! क्यूंकि जब सारे जहां का मालिक अगर हमसे मान गया तो फिर ये जहां क्या चीज है!
इस्लाम में छोटे-छोटे अमल से भी बेशुमार नेकिया मिलती है! क्या पता रोज़ ए महशर कौन सी नेकी काम आ जाये! इसलिए जब भी घर से बाहर जाए तो घर के बाहर जाने वाली दुआ पढ़े !
और जब मस्जिद पहुँच जाए तो मस्जिद में अंदर जाते वक़्त भी दुआ पढ़े !और मस्जिद से बाहर आये तब भी मस्जिद masjid से बाहर आने की दुआ dua पढ़े !
Masjid – मस्जिद में दाखिल होते वक्त पहले सीधा (दाहिना) पैर
अन्दर रखना है
फिर ये दुआ पढ़ते हुए अंदर दाखिल होना है

मस्जिद में दाखिल होते वक्त की दुआ Masjid Mein Dakhil Hone Ki Dua
MASJID MAI JATE WAQT KI DUA, MASJID ME JANE KI DUA
MASJID KE ANDAR JANE KI DUA
अल्लाहुम्म फ तहली अबवा ब रहमतिका

तर्जुमा

ए अल्लाह तू अपनी रेहमत के दरवाजे मेरे लिए खोल दे
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मस्जिद से निकलते वक्त पहले उल्टा (बाॅंया) पैर
बाहर निकालना है
फिर ये दुआ पढ़ते हुए बाहर निकलना है

मस्जिद से निकलते वक्त की दुआ
MASJID SE NIKALTE WAQT KI DUA,MASJID SE BAHAR NIKALNE KI DUA
MASJID SE BAHAR NIKALNE KI DUA
अल्लाहुम्मा इन्नी अस-अलुक मिन फ़दलि क व रहमति क

तर्जुमा

ए अल्लाह में तुझसे तेरे फज्ल का सवाल करता हु

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