Karz ki Dua क्या है | Karz Ada Karne Ki Dua
क्या आप क़र्ज़ के बहुत परेशान हो और Karz ki Dua की तलाश में हो तो आपकी यह तलाश आज ख़तम हो गई क्युकी आज की इस पोस्ट में Karz Utarne ki Dua के बारे में बताया जाएगा.
आप एक बात का धयान रखे की सिर्फ Karz ke Bachne ki Dua को याद कर लेना या सुबह शाम पढ़ लेने से आपकी क़र्ज़ कभी ख़त्म नहीं होने वाला है.
अगर आप चाहते है की सिर्फ दुआ को पढ़कर मेरा क़र्ज़ ख़त्म हो जाए तो आप इस पोस्ट को न पढ़े. क्युकी सिर्फ दुआ को पढ़ लेने से कुछ नहीं होता है.
आपको सबसे पहले अल्लाह ता’अला पर तवक्कुल करना होगा फिर क़र्ज़ की जितने भी रकम है उसे चुकाने के लिए अपने तरह से जो हो सकता है वो काम करे, फिर अगर ये Qarz ki Dua in Hindi को पढ़ते है इंशाल्लाह आपको क़र्ज़ ने निजात मिल सकता है.
अगर यहाँ तक मेरी बातो से सहमत है तो फिर आगे पोस्ट पढ़ सकते है.
Karz ki Dua (जल्दी क़र्ज़ अदा करने की दुआ)
क़र्ज़ की दुआ को आप याद कर ले और आप इसे नमाज़ के बाद पढ़े, या जब आपके पास समय हो तो उस वक़्त पढ़ सकते है. क्युकी ये छोटा दुआ है जिसे पढ़ने में 5 सेकंड भी नहीं लगेगा.
karz utarne ki dua in arabic
Tirmizi: 5/560, Hadith:3563, Sahih Tirmizi: 3/180
हजरत मौलाए कायनात अली मुर्तजा रजि अल्लाहु तआला अन्हु का फरमान है कि इसके पढ़ने से अगर बड़े पहाड़ बराबर भी कर्ज रहेगा तो अदा हो जाएगा
Qarz ki Dua Hadees (एक वाकिया)
मशहूर सहाबी हजरत अबू सईद खुदरी रजि अल्लाहु अन्हु का बयान है ! कि हुजूर सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक दिन मस्जिद में तशरीफ ले गए ! तो आपने वहां हजरत अबू उमामा अंसारी रजि अल्लाह तआला अन्हु को देखा ! आपने फरमाया ए अबू उमामा तुम उस वक्त में जबकि नमाज का वक्त नहीं है ! मस्जिद में क्यों और कैसे बैठे हुए हो !
हजरत अबू उमामा रजि अल्लाहु अन्हु ने अर्ज किया की ! या रसूल अल्लाह (सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ) मैं बहुत से अफ़कार ! और कर्ज़ों के बार से ज़ेरे बार हो रहा हूं ! आपने इरशाद फरमाया कि क्या मैं तुमको Karz ada karne ki Dua का तालीम न करूं ! कि जब तुम इसको पढ़ो तो अल्लाह तआला तुम्हारी फिक्र को दफा फरमा दे ! और तुम्हारे कर्ज को अदा कर दे !
हजरत अबू उमामा रजि अल्लाह हू अन्हु ने अर्ज़ किया कि क्यों नहीं या रसूल अल्लाह ( सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ) जरूर मुझे तालीम फरमाइए ! तो आपने इरशाद फरमाया कि तुम रोजाना सुबह और शाम Qarz ki Dua पढ़ लिया करो जो आपको ऊपर बताया गया है.
हजरत अबू उमामा रजिअल्लाहु अन्हु कहते हैं कि मैंने इस दुआ को पढ़ा तो मेरी फिक्र जाती रही और अल्लाह तआला ने मेरे कर्ज भी अदा फरमा दिए !
karz ki Dua MP3 Download
अगर आप Karz khatam karne ki Dua को mp3 audio में डाउनलोड करना चाहते हो जिससे आप असानी से सुनकर याद कर सके तो आपके लिए मैंने यह असान कर दिया हूँ. निचे डाउनलोड बटन पर click करे और फिर सुनकर याद करे.
कुरआन में साफ-साफ लिखा है कि अगर किसी का कर्ज सोने के पहाड़ के बराबर भी है, तो अल्लाहताला उसकी मदद जरूर करेगा। परंतु हां ईमानदारी से मेहनत करने पर ही उसकी कमाई में बरकत होगी और कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
आज आपने क्या सीखा
आज अपने सीखा की Qarz ki Adaigi ki Dua क्या है और इसके साथ एक वाकिया के बारे में पढ़ा जिसे आपको विश्वास हो गया होगा की दुआ पढने से क़र्ज़ से निजात मिल सकता है.
लेकिन सबसे जरुरी बात आपने ये सीखा की सिर्फ दुआ को पढ़ लेने से कुछ नहीं होता उसके साथ आपको कड़ी मेहनत भी करना होगा. क्युकी आप कुछ सोचो की अल्लाह ता’अला आपको direct तो नहीं दे सकते है उसके लिए कोई न कोई माध्यम होना चाहिए. जब आप काम करते है तो उस काम में अल्लाह ता’अला बरकत देते है और उसी से इंशाल्लाह आपकी क़र्ज़ भी ख़तम हो जाएगी.
मुझे उम्मीद है की Karz ki Dua in Hindi आपको पसंद आया होगा तो आप अपने दोस्तों में भी ये पोस्ट को शेयर करना न भूले.
If you are deeply troubled by debt and searching for the supplication of Karz ki Dua (prayer for debt relief), your search ends today because this post will provide information about Karz Utarne ki Dua (prayer for debt clearance).
However, please bear in mind that merely memorizing or reciting Karz ke Bachne ki Dua (prayer for avoiding debt) will not magically eliminate your debt.
If you wish for your debt to be miraculously wiped away by simply reciting a prayer, then I suggest you refrain from reading this post. Because reciting a prayer alone will not solve your financial problems.
The first step you need to take is to rely on Allah (God) and then explore all possible means to repay your debt. Once you have made efforts according to your capabilities, then, InshaAllah (God willing), reciting the Qarz ki Dua in Hindi can potentially provide relief from your debt burden.
If you agree with my words so far, then you can continue reading the rest of the post.
Karz ki Dua (Prayer for Debt Repayment)
You can memorize the Karz ki Dua and recite it after prayers or whenever you have free time. It takes only 5 seconds to recite this short prayer.
Karz ki Dua:
“Allahummak-finee bihalalika AAan haramik, wa-aghninee bifadlika AAamman siwak.”
Translation of Karz ki Dua:
“O Allah, make what is lawful enough for me, as opposed to what is unlawful, and spare me by Your grace, of need of others.”
(Tirmizi: 5/560, Hadith:3563, Sahih Tirmizi: 3/180)
There is a narration by the famous companion Hazrat Abu Sa’id Khudri (may Allah be pleased with him) that reciting this prayer can even help in paying off a debt as large as a mountain.
One incident is narrated by Hazrat Abu Umamah Ansari (may Allah be pleased with him) when the Prophet Muhammad (peace be upon him) saw him in the mosque at a time other than prayer. The Prophet asked why he was sitting there when it was not time for prayer. Abu Umamah explained that he was burdened with multiple debts. The Prophet then advised him not to neglect reciting the Karz ada karne ki Dua, which, when recited, would alleviate his worries and enable him to pay off his debts.
Abu Umamah asked why the Prophet did not teach him the prayer directly. The Prophet replied that he should recite the Karz ki Dua every morning and evening, which was already explained to him.
Abu Umamah (may Allah be pleased with him) reports that he recited this prayer, and his worries were relieved, and Allah (God) helped him pay off his debts.
Please note that while prayers are powerful, it is also important to take practical steps to repay your debts within your means. Trust in Allah’s guidance and strive to fulfill your financial obligations alongside reciting the Karz ki Dua.