Jaan Maal Aulad Ki Hifazat Ki Dua | जान, माल और औलाद की हिफ़ाज़त की दुआ
Jaan Maal Aulad Ki Hifazat Ki Dua
जान, माल और औलाद की हिफ़ाज़त की दुआ
माल, औलाद और अपनी जान ये चीज़ें ऐसी हैं जिनके बारे में हर इंसान को बड़ा खौफ़ और खतरा रहता है कि कहीं अल्लाह की इस नेअमत पर किसी बुरे इंसान की नज़र न लग जाये और ये हँसता बसता चमन मुरझा न जाये इसके लिए हम आपको जान माल और औलाद की हिफ़ाज़त की दुआ बताएँगे ( Jaan Maal Aulad Ki Hifazat Ki Dua )
और अपने से जुड़ी चीज़ों का ये खौफ़ उस वक़्त और ज़्यादा ही बढ़ जाता है जब कि हालत अच्छे न हों और हर इंसान बस लूट खसोट और माल के हासिल करने में यक़ीन रखता हो और इसी को दुनिया की कामयाबी समझता हो वो माल चाहे हलाल हो या हराम किसी को धोका देकर हासिल किया गया हो या बेईमानी से दुसरे के दिल पर चोट लगे या उसकी इज्ज़त पर, तो ऐसी में एक इंसान अपनी हिफ़ाज़त के लिए क्या करे
ऐसा ही खौफ़ अल्लाह के रसूल स.अ. के सहाबा में से एक को महसूस हुआ तो उहोने क्या किया चलिए क़ुर आन और हदीस की रौशनी में इसका हल तलाशें और उसमें बताये गए तरीक़े पर अमल करें तो यक़ीनन हम महफ़ूज़ रहेंगे
Jaan Maal Aulad Ki Hifazat Ki Dua Hindi
एक सहाबी ने अल्लाह के रसूल स.अ. की खिदमत में अर्ज़ किया या रसूलल लाह : मुझे इस बात का खौफ़ रहता है कि कहीं मेरे पास मौजूद माल बरबाद न हो जाये और मेरे बच्चे कहीं मेरे पास दूर न हो जाएँ
तो अल्लाह के रसूल (सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया : तुम ये दुआ पढ़ा करो
Hindi : बिस्मिल्लाहि अला दीनी व नफ्सी व व-लदी व अहली व माली
तरजुमा : अल्लाह के नाम से अपना दीन और अपनी जान और अपनी औलाद अपने खानदान और अपने माल को मैं अल्लाह के सुपुर्द करता हूँ
इस दुआ में ख़ास क्या है ?
अगर आप इस दुआ में गौर करेंगे तो मालूम होगा कि अल्लाह के रसूल (सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम) ने 5 चीज़ों की हिफ़ाज़त की दुआ फरमाई है और सब को एक तरतीब के साथ बयान फ़रमाया है जिनमें सब से पहले दीन और सब से आख़िर में माल और बीच में दूसरी चीज़ें बयान फरमाई हैं तो चलिए ज़रा गहराई में जाकर देखते हैं
1. दीन
इस से पता चलता है कि हमें अपनी ज़िन्दगी में सब से ज़्यादा दीनी ज़िम्मेदारी को अहमियत देना चाहिए और सब से पहला नम्बर दीन को ही देना चाहिए और जहाँ पर दीन की बात आये वहां माल, औलाद, जज़्बात सब कुछ कुरबान हैं
2. नफ्स
उसके बाद फ़रमाया कि अपने आप की फ़िक्र करो क्यूंकि जब तुम बेहतर रहोगे तो और बाक़ी सारी चीज़ें अन्जाम पाती रहेंगी और अपनी जिम्मेदारियां बेहतर तरीक़े से निभाते रहोगे
3. औलाद
इसके बाद नंबर आता है औलाद का जिसकी ख़ुराक, तालीम और तरबियत और खैरियत हर चीज़ की जिम्मेदारी तीसरे नंबर पर है इसलिए क़यामत के रोज़ आप से आपकी औलाद के बारे में पूछा जायेगा कि उसकी कैसी तरबियत की
4. खानदान
इसके बाद आपके खानदान में जो लोग भी मौजूद हैं उनको उसका हक़ देना और रिश्तों की ज़िम्मेदारी को समझ कर उन्हें अदा करते रहना चाहिए जिसका शरीअत ने आपको ज़िम्मेदार बनाया है
5. माल
अब सब से आख़िर में नंबर आता है माल का, दौलत का, रुपयों और डालर का, लेकिन बदकिस्मती से सब से पहले हम उसी को रखते हैं और सारी चीज़ें उसके बाद, यही वजह है कि घर घर में बेसुकूनी आम है और किसी न किसी मसअले को लेकर आपस में अनबन ज़रूर है अगर माल को रिश्तों से ज़्यादा अहमियत न दी जाती तो यक़ीनन ख़ुशहाली और अमन की फ़िज़ा बनती और ये सब मसाइल पेश न आते, अगर हर चीज़ अपनी जगह पर होती
अल्लाह हम सबकी हिफ़ाज़त फरमाए
आमीन