Hai Labe Isa Se Jaan Bakhshi Nirali Haath Mein Naat Lyrics
Hai Labe Isa Se Jaan Bakhshi Nirali Haath Mein Naat Lyrics
है लबे ई़सा से जां बख़्शी निराली हाथ में
संगरेज़े पाते हैं शीरीं मक़ाली हाथ में
बे नवाओं की निगाहें हैं कहां तह़रीरे दस्त
रह गई जो पा के जूदे ला यज़ाली हाथ में
क्या लकीरों में यदुल्लाह ख़त़ सरो आसा लिखा
राह यूं उस राज़ लिखने की निकाली हाथ में
जूदे शाहे कौसर अपने प्यासों का जूया है आप
क्या अ़जब उड़ कर जो आप आए पियाली हाथ में
अब्रे नैसां मोमिनों को तैग़े उ़र्यां कुफ़्र पर
जम्अ़ हैं शाने जमाली व जलाली हाथ में
मालिके कौनैन हैं गो पास कुछ रखते नहीं
दो जहां की ने’मतें हैं इन के ख़ाली हाथ में
साया अफ़्गन सर पे हो परचम इलाही झूम कर
जब लिवाउल ह़म्द ले उम्मत का वाली हाथ में
हर ख़त़े कफ़ है यहां ऐ दस्ते बैज़ाए कलीम
मोज-ज़न दरियाए नूरे बे मिसाली हाथ में
वोह गिरां संगिये क़दरे मस वोह इरज़ानिये जूद
नौइ़या बदला किये संगो लआली हाथ में
दस्त-गीरे हर दो अ़ालम कर दिया सिब्त़ैन को
ऐ मैं क़ुरबां जाने जां अंगुश्त क्या ली हाथ में
आह वोह अ़ालम कि आंखें बन्द और लब पर दुरूद
वक़्फ़ संगे दर जबीं रौज़े की जाली हाथ मे
जिस ने बैअ़त की बहारे ह़ुस्न पर क़ुरबां रहा
हैं लकीरें नक़्श तस्ख़ीरे जमाली हाथ में
काश हो जाऊं लबे कौसर मैं यूं वारफ़्ता होश
ले कर उस जाने करम का ज़ैल अ़ाली हाथ में
आंख मह़्वे जल्वए दीदार दिल पुर जोशे वज्द
लब पे शुक्रे बख़्शिशे साक़ी पियाली हाथ में
ह़श्र में क्या क्या मज़े वारफ़्तगी के लूं रज़ा
लौट जाऊं पा के वोह दामाने अ़ाली हाथ में