Chaand Ajmer Mein Kitna Raushan Huaa Khwaja-e-Khwajgaan Ki Chhati Aa Gai Naat Lyrics
ख़्वाजा ! ख़्वाजा ! ख़्वाजा ! ख़्वाजा !
किश्त-ए-दीदा-ओ-जाँ लहलहाने लगी
मेरे दिल की ज़मीं मुस्कुराने लगी
‘इश्क़-ए-ख़्वाजा के पौधे शजर बन गए
धरती अजमेर की जगमगाने लगी
ख़्वाजा पिया ! ख़्वाजा पिया !
ख़्वाजा पिया ! ख़्वाजा !
चाँद अजमेर में कितना रौशन हुआ
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
कुफ़्र-ओ-ज़ुल्मत का बादल ख़ुद ही छट गया
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
चिश्तियों के घरों में ख़ुशी आ गई
ऐसा लगने लगा ज़िंदगी आ गई
चेहरा चेहरा खिला, दिल भी कहने लगा
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
आए दरबार में ले के कश्कोल हम
कर दो, कर दो करम, रख लो सब का भरम
तेरे दर से न मायूस कोई गया
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
हर जगह तेरी ‘इज़्ज़त का शोहरा हुआ
लाडला तू नबी का, हसन संजरी !
इब्न-ए-ज़हरा है तू, हसनी शजरा तेरा
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
आज अजमेर क्या ! सारी दुनिया में ही
ख़्वाजा-ए-चिश्त की महफ़िलें सज गईं
है उजागर समाँ, ख़ूब लंगर हुआ
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ की छटी आ गई
शायर:
अल्लामा निसार अली उजागर
नात-ख़्वाँ:
असद रज़ा अत्तारी – फ़ुरक़ान क़ादरी – फ़रहान क़ादरी – अब्दुल्लाह ख़लील क़ादरी
KHwaja ! KHwaja ! KHwaja ! KHwaja !
kisht-e-deeda-o-jaa.n lahlahaane lagee
mere dil kee zamee.n muskuraane lagee
‘ishq-e-KHwaja ke paudhe shajar ban gae
dharti ajmer kee jagmagaane lagee
KHwaja piya ! KHwaja piya !
KHwaja piya ! KHwaja !
chaand ajmer me.n kitna raushan huaa
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
kufr-o-zulmat ka baadal KHud hee chhat gaya
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
chishtiyo.n ke gharo.n me.n KHushi aa gaee
aisa lagane laga zindagi aa gaee
chehra chehra khila, dil bhi kahne laga
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
aae darbaar me.n le ke kashkol ham
kar do, kar do karam, rakh lo sab ka bharam
tere dar se na maayoos koi gaya
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
har jagah teri ‘izzat ka shohra huaa
laadla tu nabi ka, hasan sanjari !
ibn-e-zahra hai tu, hasani shajara tera
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
aaj ajmer kya ! saari duniya me.n hee
KHwaja-e-chisht kee mahfile.n saj gaee.n
hai Ujaagar samaa.n, KHoob langar huaa
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee
KHwaja-e-KHwajgaa.n kee chhati aa gaee