Aqiqah Ki Dua Aur Tarika
अक़ीक़ा करने की दुआ Aqiqah Ki Dua Aur Tarika Hindi Full
Aqiqah Ki Dua
Aqiqah Ki Dua
Table of contents
अक़ीक़ा इन इस्लाम | Aqiqah in Islam in Hindi
Aqiqah ka Sunnat Tarika | अक़ीक़ा का सुन्नत तरीका
अक़ीक़ा करने की दुआ
Aqiqah Ki Dua Ladki | अक़ीक़ा करने की दुआ
Aqiqah Ki Dua Ladka | अक़ीक़ा करने की दुआ
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अक़ीक़ा इन इस्लाम | Aqiqah in Islam in Hindi
इस्लाम के अनुसार जब कोई लड़का लकड़ी की जन्म होता है ऐसे में ख़ुशी का इजहार करने के लिए अकीका किया जाता है यह रीती रिवाज इस्लामी ढंग से किया जाता है इस दिन बकरे की कुर्बानी की जाती है
इस दिन यानी अकीका के लिए लड़का लड़की की दुआ भी की जाती है उसके बाद क़ुरबानी यानी बकरा को जिबह किया जाता है
इस्लाम की सुन्नत में अक़ीक़ा भी एक सुन्नत है हदीस के मुताबिक़ अकीका लड़का या लड़की के यौमे पैदाइस के ७वे दिन करना अफजल होता है
Aqiqah ka Sunnat Tarika | अक़ीक़ा का सुन्नत तरीका
लड़का या लड़की के यौमे पैदाईस पर अक़ीक़ा करना चाहिए
अगर अक़ीक़ा न भी किया जाए तो कोई गुनाह नहीं है
अगर करते है तो बच्चे या बच्ची के ऊपर आने वाली मुसीबत परेशानी ख़त्म हो जाती है
अक़ीक़ा लड़का या लड़की के यौमे पैदाइस के 7वे दिन करना चाहिए
इस तरह से आप हुजुर पाक ﷺ की सुन्नत पूरा कर सकते है एंव सवाब से मालामाल होंगे
7, 15, 21वे दिन अक़ीक़ा करना सुन्नत तरीका है
इसके बाद अगर अक़ीक़ा कभी भी किया जा सकता है
लेकिन जो सवाब मुकर्र दिन में करने पर होता है वह नहीं मिलेगा
अक़ीक़ा करने की दुआ
इस्लाम में अक़ीक़ा करने की दुआ बताया गया है
अगर लड़की का अक़ीक़ा किया जाना हो
तो ऐसे में अक़ीक़ा की दुआ लड़की की पढ़नी चाहिए
अगर अक़ीक़ा लड़के की हो ऐसे में अक़ीक़ा करने की दुआ
लड़के लिए पढ़नी चाहिए चलिए
हम आपको दोनों दुआ बता रहे है जो निम्नवत है:-
Aqiqah Ki Dua Ladki | अक़ीक़ा करने की दुआ
अक़ीक़ा करने की दुआ
अल्लाहुम्म हाजिही अकिकतु बिन्ती फुला न तिन दमुहाबि दमिहा व् लहमुहा बि लहमिहा व अजमुहा बि अजमिहा व् जिल्दुहा बि जिल्दिहा व् शअरोहा बि शअरिहा अल्लाहुम्मज अलहा फ़िदाअल लि बिन्ती मिनन नार – बिस्मिल्लाही अल्लाहु अकबर
Aqiqah Ki Dua Ladka | अक़ीक़ा करने की दुआ
Aqiqah Ki Dua
अल्लाहुम्म हाजिही अकिकतुब्नी फलानिन द मु हा बि द मिही व् लहमुहा बि लहमिहो व अजमुहा बि अजमिही व् जिल्दुहा बिजिल्दिही व् शअरुहा बि शअरिही अल्लाहुम्मज अल्हा फ़िदाअल लि इब्नी मिनननार – बिस्मिल्लाही अल्लाहु अकबर
महत्वपूर्ण: अकीका फर्ज़ या वाजिब नहीं है यह एक सुन्नत मुस्तहब है। गरीब शख़्स कोई अगर है तो कर्ज लेकर अकीका जाइज़ नहीं और वह भी मआज अल्लाह सूर पर कर्ज लेकर अकीका करे। कर्ज लेकर जकात देना भी जाइज नहीं, अकीका जकात से बढ़ कर नहीं । अकीका का सुन्नत तरीका क्लिक से पढ़े
इस्लामी जिन्दगी सपहा -18